LOVE
हमारे अंदर की अच्छाई और दुनिया द्वारा हमारे अंदर आ गयी बुराई के बीच हमेशा ही युद्ध चलता रहता है। दोनो के बीच एक युद्ध, तनाव, विरोध, प्रतियोगिता की स्थिति हमेशा ही दिखाई दे जाती है। और वो हमको अपनी और खींचती है। मन में जहां पर गंदे विचार तुरंत घर कर जाते है। लोगो बार-बार चालबाजी, बदमाशी, ऐबबाजी, उकसावे, षडयंत्र आदि हमको उनके साथ गंदे कर्म करने की सीख देते है। वही दुसरी और नैतिक, अच्छाई और सच्चाई, ईमानदारी, पुण्य, सत्य औरअहिंसा आदि दुनिया में बेवकुफी और पीछे जाने के संकेत समझे जाते है। ऐसे लोगो को ऐसा-वैसा समझकर उनको युं ही ऐरा – गैरा समझ लिया जाता है। और उनको तवज्जों नही देयी जाती है। और ऐसा – वैसा समझ लिया जाता है। और उनको तरह तरह से परेशान करके पाप और अपराध करने के लिए मजबुर किया जाता है। और तरह तरह के नाटक करके उनको ही पापी साबित करने के लिए कहां जाता है। तरह तरह के लोगो तरह तरह के पाप पालते है। खुदके स्वार्थ और सफलता को तवज्जों देते है। और तरह तरह के नाटक रचते है। ओर तरह तरह काम करते है।
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